- पुरातत्व विभाग की घोर अनदेखी, कार्रवाई क्यों हो रही चंद्रपुर में बेअसर ?

Ticker

6/recent/ticker-posts

पुरातत्व विभाग की घोर अनदेखी, कार्रवाई क्यों हो रही चंद्रपुर में बेअसर ?

FIR के बावजूद क्यों हो रहा किला परिसर में इमारत का निर्माण ?

पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक शाहिद अख्तर क्यों बन गये लाचार ?

किसके इशारों पर चल रहा अवैध निर्माण कार्य ? संरक्षण सहायक की चुप्पी क्यों ?

@ चंद्रपुर
चंद्रपुर के जिलाधिकारी निवास स्थान, सिविल लाइन परिसर में मौजूद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के उपमंडल चंद्रपुर कार्यालय में कर्मचारियों की कमी का रोना रोने वाले संरक्षण सहायक शाहिद अख्तर शेख अब्दुल गनी की अनदेखी व लापरवाही के चलते चंद्रपुर के पुरातत्व स्थलों की घोर अनदेखी की जा रही है। नागपुर निवासी शाहिद अख्तर को चंद्रपुर के पुरातत्व अवशेषों के प्रति कोई खास लगाव नजर नहीं आ रहा है। यही वजह है कि आये दिन चंद्रपुर के किले पर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है और संरक्षण सहायक केवल नोटिस – नोटिस खेल रहे हैं।
शाहिद अख्तर की ओर से एक आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज करने के बावजूद वह आरोपी संरक्षण सहायक व उनके विभाग की कार्रवाई को ठेंगा दिखाते हुए आज भी अपने अवैध इमारत के निर्माण कार्य को दिन-दहाड़े खुलेआम अंजाम दे रहा है। बावजूद संरक्षण सहायक शाहिद अख्तर हाथ पर हाथ धरे बैठें है। इस संदर्भ में जब उनसे प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की तो उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया।

क्या है पूरा मामला ? अवैध निर्माण को किसका समर्थन ?

चंद्रपुर के गोंडकालीन पुरातन किले की दीवार से 100 मीटर की दूरी तक किसी भी प्रकार कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। गत पखवाड़े में शिकायतकर्ता प्रितम विरमलवार ने सारे दस्तावेजों व सबूतों के साथ पत्रकार परिषद लेकर पुराततत्व विभाग और मनपा प्रशासन की मिलीभगत से अवैध निर्माण चलने की भ्रष्ट प्रणाली का पर्दाफाश किया। इसके बाद अानन-फानन में पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक शाहिद अख्तर शेख अब्दुल गनी को मजबूरन पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज करना पड़ा।

FIR के बाद संरक्षण सहायक हुए बेफिक्र

चंद्रपुर शहर के जटपुरा गेट परिसर में निर्माणाधीन इमारत के मालिक शिवाजी नगर, मधुबन, मूल रोड, चंद्रपुर निवासी आरोपी प्रदीप राजाभाऊ नालमवार के खिलाफ संरक्षण सहायक शाहिद अख्तर शेख अब्दुल गनी को मजबूरन अर्थात पत्रकार परिषद के चलते FIR दर्ज करवाना पड़ा था। 23 जून 2022 को संरक्षण सहायक ने प्राचीन स्मारक व पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष अधिनियम 1958 के तहत धारा 19 एवं 30 (1) के तहत नालमवार पर अपराध दर्ज कराया था। लेकिन उसके बाद संरक्षण सहायक बेफिक्र हो गये और अब आरोपी की ओर से बीते 2-3 दिनों से अवैध निर्माण कार्य दोबारा शुरू किया गया है। लेकिन इस पर अब अख्तर शेख ने चुप्पी साध ली है। उनकी इस चुप्पी को लेकर अनेक सवाल व संदेह की स्थिति निर्माण होने लगी है।

वर्ष 2019 से पुरातत्व विभाग लापरवाह

उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता किशोर सीताराम विरमलवार ने गत 14 मई 2019 को ही चंद्रपुर शहर के जटपुरा गेट परिसर में निर्माणाधीन इमारत के मालिक शिवाजी नगर, मधुबन, मूल रोड, चंद्रपुर निवासी आरोपी प्रदीप राजाभाऊ नालमवार के खिलाफ संरक्षण सहायक को लिखित शिकायत दी थी। इसके बावजूद बीते 4 वर्षों में पुरातत्व विभाग ने केवल नोटिस देने का ही काम किया। पत्रपरिषद के बाद जब पुरातत्व विभाग पर दबाव बढ़ा तो संरक्षण सहायक को आरोपी नालमवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी।

शिकायतकर्ता मर गया, लेकिन विभाग सोता रहा !

गत 14 मई 2019 को और उससे भी पूर्व अनेक बार पुरातत्व विभाग से शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता किशोर सीताराम विरमलवार इस कार्यालय की एड़ी रगड़ते – रगड़ते एक दिन चल बसे। उनके जीते-जी कभी पुरातत्व विभाग ने आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं की। शिकायतकर्ता के पुत्र प्रितम विरमलवार ने जब पत्रकार परिषद लेकर मनपा और पुरातत्व विभाग की मिलीभगत पर अनेक सवाल उठाते हुए इस भ्रष्ट तंत्र का भंडोफोड़ किया तो पुरातत्व विभाग खड़बड़ाते हुए जाग उठा। पश्चात उन्होंने अपने इस नोटिस – नोटिस के खेल को विराम देते हुए आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कराया। लेकिन दु:ख की बात यह है कि पुरातत्व विभाग के नोटिस – नोटिस खेल के बीच गत वर्ष शिकायतकर्ता किशोर विरमलवार की मौत हो गई। 

किले में कीलें चूभोने वाले मनपा पर नहीं की कानूनी कार्रवाई

आदत से मजबूर हो चुके पुरातत्व विभाग के संरक्षण सहायक कार्यालय की ओर से केवल नोटिस -  नोटिस का ही खेल खेला जाता रहा है। यदि किसी गरीब ने कोई अतिक्रमण किया हो तो तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाती है। लेकिन मनपा प्रशासन के खिलाफ दी गई शिकायत पर कानूनी कार्रवाई करने के बजाय केवल उन्हें नोटिस थमाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने का काम किया जा रहा है। पुरातत्व विभाग की इस लचर और दोगली कार्यप्रणाली को लेकर जनता में रोष है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो चंद्रपुर के पुरातत्व अवशेष एक-एक कर ढह जाएंगे और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेगा। 

संरक्षण सहायक स्टेटमेंट देने को तैयार नहीं

जटपुरा गेट परिसर के किले की दीवार से सटकर अवैध इमारत का निर्माण करने वाले आरोपी प्रदीप राजाभाऊ नालमवार के खिलाफ अपराध दर्ज होने के बावजूद वर्तमान में दोबारा इमारत का निर्माण क्यों व कैसे किया जा रहा है, इस पर अब विभाग की ओर से अगली कार्रवाई क्या होगी आदि सवालों का जवाब जानने के लिये जब हमने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के उपमंडल चंद्रपुर कार्यालय के संरक्षण सहायक शाहिद अख्तर शेख अब्दुल गनी से संपर्क किया तो उनका जवाब बेहद चौंकाने वाला था। शाहिद अख्तर ने कहा कि इस पर नागपुर का कार्यालय ही कोई स्टेटमेंट दे सकता है। उनसे जब नागपुर कार्यालय का संपर्क क्रमांक और ई-मेल आईडी पूछी गई तो उन्होंने अपने वरिष्ठों का संपर्क क्रमांक व ई-मेल आईडी ज्ञात नहीं होने की बात कही। इससे यह साफ होता है कि वे इस पूरे प्रकरण को कैसे दबाना चाहते है ? उनकी संदिग्ध भूमिका को लेकर मुंबई के रिजनल डायरेक्टर डॉ. नंदिनी भट्‌टाचार्य साहू और नागपुर मंडल के विजय कुमार सोमशेखरन नायर से शिकायत की गई है। 

Post a Comment

0 Comments