- मासूम छात्रों को झूठा साबित करने पर तुले हैं प्रिंसिपल व BJP नेता

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मासूम छात्रों को झूठा साबित करने पर तुले हैं प्रिंसिपल व BJP नेता

प्रिंसिपल झूठी या छात्र झूठे, या झूठे हैं BJP के नेता ?

क्यों और कैसे जनता विद्यालय के विद्यार्थियों को बरसों से बनाया गया मूर्ख ?

फ्रॉड BJP नेता विवेक बोढे को पालकमंत्री मुनगंटीवार का संरक्षण, जिलाध्यक्ष भोंगले से करोड़ों की कमाई

@चंद्रपुर
कल हमने (BJP युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक बोढे “महा फ्रॉड शिक्षक”) शिर्षक तले खबर प्रकाशित कर भाजपा(BJP) के ईमानदारी को एक्सपोज किया था। आज हमने जानेंगे कि कैसे इस प्रकरण में झूठ का जाल बुना गया ? भाजपा नेता, शिक्षा विभाग, चांदा शिक्षण प्रसारक मंडल की ओर से संचालित जनता विद्यालय (Janta vidyalaya), साखरवाही की प्रिंसिपल वी. एस. पेटकर (V.S. Petkar), स्कूल के सहयोगी शिक्षक, स्टाफ सभी मिलकर बरसों से मासूम बच्चों को कैसे मुर्ख बना रहे हैं, इसकी पोल खोल को जानना जरूरी है। तो पढ़िये इस पूरी खबर को विस्तार से....#exposedbylimeshkumar 

बाबासाहब के तस्वीर के नीचे बैठकर झूठी कहानी रच रही प्रिंसिपल वी.एस. पेटकर

चांदा शिक्षण प्रसारक मंडल की ओर से संचालित जनता विद्यालय (Janta Vidyalaya), साखरवाही की प्रिंसिपल वी. एस. पेटकर की झूठी कहानी बेहद ही चौंकाने वाली है। इस झूठी कहानी पर जब हमने चंद सवाल पूछे तो वे निरुत्तर हो गई। विवेक बोढे के स्थान पर कक्षा 9वीं को पढ़ा रहे घुग्घुस (Ghugghus) के श्रीराम वार्ड निवासी शुभम अशोक कोयेडवार (Shubham Koyadwar) का पद पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे कम्प्यूटर टिचर (Computer Teacher) है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कक्षाओं में तो कम्प्यूटर ही नहीं तो टिचर क्यों ? फिर उन्होंने बताया कि वे कम्प्यूटर सुधार के तकनिशियन हैं। शुभम को कितना मेहनताना स्कूल से दिया गया, इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं था। बोगस शिक्षक (Fraud Teacher) शुभम कोयेडवार से संबंधित किसी भी सवाल का जवाब प्रिंसिपल महोदया नहीं दे पायी। 

मासूम बच्चों को पता ही नहीं कि उनके क्लास टिचर है विवेक बोढे

कक्षा 9वीं शिक्षा ग्रहण कर रहे सभी विद्यार्थियों (Students) को जब पूछा गया कि उनके क्लास टिचर (Class Teacher) कौन है ? तो उन्होंने जवाब दिया कि शुभम कोयडवार। जब इन्हीं विद्यार्थियों को पूछा गया कि वे कब से पढ़ा रहे हैं ? तो जवाब मिला कि – शुरू से (मतलब सेशन के शुरू से)। छात्रों को सवाल पूछा गया कि क्या कभी विवेक बोढे नामक शिक्षक ने कभी किसी दिन आपको पढ़ाया ? तो विद्यार्थियों का जवाब था – कभी नहीं पढ़ाया। फिर सवाल यह पूछा गया कि शुभम कोयडवार नामक कथित शिक्षक आपको कौनसा विषय पढ़ाते हैं ? – तो सभी बच्चों ने जवाब दिया – इंग्लिश (English)।

ईमानदार पालकमंत्री मुनगंटीवार क्यों नहीं करते जांच की घोषणा ?

अब सवाल यह उठता है कि इन मासूम बच्चों को स्कूली रेकॉर्ड पर दर्ज उनके असली क्लास टिचर का नाम तक क्यों पता नहीं है ? प्रिसिंपल वी. एस. पेटकर की ऐसी क्या मजबूरी हैं कि वे अपने ही स्कूल के बच्चों के साथ धोखाधड़ी के मामले में साजिशकर्ताओं की सहयोगी बन गई ? चांदा शिक्षण प्रसारक मंडल के संचालकों के आंखों पर बरसों से पट्‌टी क्यों बंधी हुई है ? जिला परिषद के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने क्या कभी इस स्कूल का दौरा किया ? कभी किसी अफसर ने सच जानने की कोशिश की ? जनता विद्यालय, साखरवाही में क्या अभिभावकों की कमेटी और शिक्षकों के बीच यह मुद्दा उपस्थित नहीं किया गया ? ऐसे तमाम सवालों के जवाब सरकार, जिला प्रशासन, जिलाधिकारी, जिप के सीईओ, शिक्षा विभाग के सभी अफसरों को जनता के समक्ष देना होगा। खासकर पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) को इस मसले पर खुलकर सामने आना चाहिये और उच्च स्तरीय जांच की घोषणा करना चाहिये। 

बोढ़े की बोगसगिरी का अंतत: भंड़ाफोड़

जनता विद्यालय के 124 बच्चों का भविष्य बर्बाद करने, उनके सामने राजनीतिक झूठा आदर्श परोसने और अपने कुकर्मों से सरकार के साथ धोखाधड़ी करने वाले BJP युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक बोढे की करतूतों का आखिरकार भंड़ाफोड़ हो ही गया। अब तक विवेक बोढे ने अधिकृत कोई बयान जारी कर उनकी करतूतों को जायज बताने की कोशिश भी नहीं की। जैसे ही 18 जनवरी 2023 को हम स्कूल का मुआयना करने लगे तो एक्सपोज होने के डर से दौड़े-दौड़े अपनी कार से बरसों बाद स्कूल पहुंच गये। खबर को रोकने के लिए गिड़गिड़ाने लगे। लेकिन सच्चाई के पाठ के श्लोगन तो स्कूलों की दीवारों पर आज भी महापुरुषों के तस्वीरों के साथ दमकते हुए, चमकते हुए हमने देखा। और बोढे की बोगसगिरी का अंतत: भंड़ाफोड़ कर दिया।

भाजपा, भ्रष्ट नीति और बच्चों का भविष्य

कक्षा 9वीं के अधिकृत क्लास टिचर (Class Teacher) हैं विवेक बोढे (Vivek Bodhe)। लेकिन वे बरसों से स्कूल आये ही नहीं। उन्होंने अपने अध्यापन की जिम्मेदारी को पूर्ण करने के लिए एक युवक को दिहाड़ी मजदूर के रूप में शिक्षक पद पर खुद ही नियुक्त कर दिया और खुद भाजपा की राजनीति चमकाने युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बन गये। पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार (Sudhir Mungantiwar) की सेवा करने और भाजपा जिलाध्यक्ष देवराव भोंगले (Deorao Bhongle) के कंपनियों का ठेका संभालने सुपरवायजरी करने में भी जुट गये। करोड़ों की कमाई में बच्चों के भविष्य को चौपट कर दिया। इधर, सरकार से करीब 74,000 वेतन उठाने लगे और बोगस शिक्षक रखकर 15,000 मानधन देकर उन्हें छात्रों को पढ़ाने तैनात कर दिया। यह भ्रष्ट नीति बरसों से जारी रही।#Limeshkumar



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