- अपनी जीत हो, उनकी हार हां, कोई हमसे जीत ना पावे चले चलो…

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अपनी जीत हो, उनकी हार हां, कोई हमसे जीत ना पावे चले चलो…


हजारों लड़ेंगे और 243 बनेंगे 11 नगर के नेता
भाजपा और कांग्रेस की चुनावी जंग का आग़ाज 

चंद्रपुर.

आमिर खान के लगान मूवी में ए.आर.रहमान ने जो गीत पेश किया था वह आज भी मशहूर है। बार-बार हां, बोलो यार हां, अपनी जीत हो, उनकी हार हां, कोई हमसे जीत ना पावे चले चलो.. अब चुनावी मैदान को जीतने के लिए तमाम राजनीतिक दल स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कमर कसकर तैयार हो चुकें हैं। मुख्य दल भाजपा हो या कांग्रेस हर गांव, हर शहर में बैठकों का दौर चल पड़ा है। अपने-अपने निष्क्रिय कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम शुरू हो चुका है। किसी भी सूरत में इस बार लोकल बॉडी के चुनावों में अपने ही दल का परचम लहलहाने के लिए प्रत्येक राजनीतिक दल लालायित है।

कल राज्य चुनाव आयोग ने चुनावी बिगुल फूंका। आचार संहिता लग गई और 2 दिसंबर 2025 को मतदान होना है। जिले के 10 नगर परिषद एवं 1 नगर पंचायत के लिए सीधे तौर पर 11 नगराध्यक्ष चुने जाएंगे। इस दौरान जो हजारों प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगे, उनमें से 232 नगरसेवक चुनाव जीतने का सेहरा पहनेंगे। कुल मिलाकर 11 शहरों में 243 नेताओं का वर्चस्व दिखाई देगा। 

इन नगर परिषदों के चुनावों में हर राजनीतिक दल, अपने दल की जीत सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। संगठन मजबूती के लिए मित्र पक्षों से गठबंधन के रिश्ते को ताकत दी जा रही है। पुराने-नए कार्यकर्ताओं से संपर्क किया जा रहा है। बैठकें एवं सभाएं होने लगी है। अब चुनावी खुमार चढ़ने लगा है। 

नागपुर की बैठक से भाजपा का बजा बिगुल
पूर्व विदर्भ में भाजपा कार्यकर्ताओं की चुनाव पूर्व तैयारी बैठक नागपुर में उत्साहपूर्ण संपन्न हुई। 13 अक्टूबर 2025 को आयोजित इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की प्रमुख उपस्थिति में पूर्व विदर्भ के भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की चुनाव पूर्व तैयारी बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण, पूर्व मंत्री एवं विधायक सुधीर मुनगंटीवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पिछड़ा वर्ग योजना राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज अहीर, पूर्व सांसद एवं भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अशोक नेते सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बैठक में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने, आगामी चुनावों की रणनीति तय करने, बूथ स्तर पर तैयारी और जनसंपर्क को विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में जोर दिया गया कि भाजपा का विचार विकास और सेवा है और इस उद्देश्य के लिए हर कार्यकर्ता तैयार है। 

सांसद धानोरकर के नेतृत्व में किया शंखनाद
चंद्रपुर जिले में आगामी चुनावों के मद्देनज़र महाविकास आघाड़ी ने अपनी तैयारी को गति दी है। इसी क्रम में गत 14 अक्तूबर को चंद्रपुर के विश्रामगृह में महाविकास आघाड़ी के प्रमुख नेताओं की एक महत्वपूर्ण प्राथमिक बैठक आयोजित की गई। जिसका नेतृत्व सांसद प्रतिभा धानोरकर ने किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी चुनावों में स्थानीय स्तर पर मित्र पार्टियों के साथ मिलकर पूरी ताकत से चुनाव लड़ा जाएगा। स्थानीय निकायों में विजय हासिल करने का संकल्प लिया गया। बैठक में सकारात्मक चर्चा और रणनीति पर भी विचार किया गया। इस अवसर पर उद्धव ठाकरे गुट के जिलाध्यक्ष संदीप गिरे, कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष रामू तिवारी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) शहर जिलाध्यक्ष बेबीताई उईके, संभाजी ब्रिगेड जिलाध्यक्ष दिलीप चौधरी, कांग्रेस विधानसभा उम्मीदवार प्रवीण पड़वेकर, उबाठा शहर अध्यक्ष सुरेश पचारे, उबाठा गुट नेता सतीश भिवगडे, उबाठा उपाध्यक्ष शालिक फाले, अल्पसंख्यक कांग्रेस जिलाध्यक्ष सोहेल रजा शेख, मनपा पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष संतोष लहामगे एवं नंदू नगरकर, पूर्व नगरसेवक राजेश अडूर, कांग्रेस नेता शिवा राव, उबाठा नेता अजय वैरागडे, पूर्व शहर प्रमुख उबाठा प्रमोद पाटील, संभाजी ब्रिगेड प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांत वैद्य, संभाजी ब्रिगेड मार्गदर्शक दीपक जेऊरकर, नौशाद शेख, पप्पू सिद्धिकी आदि प्रमुख नेता उपस्थित थे। बैठक में सभी नेताओं ने मिलकर चुनावी रणनीति और संगठन को मजबूती देने पर विस्तृत चर्चा की। 

राजनीतिक हलचल तेज, इच्छुक उम्मीदवार सक्रिय
इस चुनाव की तैयारी जोर पकड़ने लगी है। और तमाम राजनीतिक दल अपनी चुनावी जमीन तलाशने में जुट गए हैं। हर गली, मोहल्ला, बस्ती और प्रभाग में इच्छुक उम्मीदवारों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वर्ष 2022 में समाप्त हुए कार्यकाल के बाद से यहां प्रशासक राज लागू था। इस दौरान कोरोना महामारी, प्रभाग रचना में बदलाव से जुड़े विभिन्न अध्यादेश और ओबीसी आरक्षण जैसे मामले सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचने के कारण चुनाव प्रक्रिया लटकी रही। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासनिक मशीनरी ने चुनाव आयोग के निर्देशानुसार आरक्षण, रोटेशन और अन्य आवश्यक कार्रवाइयाँ शुरू की 

उम्मीदवारों में चुनावी बुखार
चुनावी हलचल अब राजनीतिक गलियारों तक पहुँच चुकी है। इच्छुक उम्मीदवार अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। कौन-कौन से प्रभाग में दबदबा बनाया जा सकता है, किस पार्टी से टिकट लेना है, किस नेता से सिफारिश करानी है, इन सब सवालों के बीच जोड़तोड़ तेज़ हो गई है। कई दावेदार मैदान में सक्रिय होकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं और चुनावी संभावनाओं को टटोल रहे हैं। 

दावेदारों की बढ़ती संख्या
मुख्य राजनीतिक दल अब अपनी तैयारी में तेजी ला रहे हैं। इस बार कौन-सी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी और कौन गठबंधन में, यह स्पष्ट नहीं है। फिर भी हर दल के पास बड़ी संख्या में इच्छुक उम्मीदवार सामने आ रहे हैं। टिकट के लिए होड़ और प्रभागों में सक्रियता ने चुनावी रंगत बढ़ा दी है। 

घर-घर संपर्क से जनसमर्थन जुटाना
बीते वर्षों में जब चुनाव की कोई उम्मीद नहीं थी, अधिकांश संभावित उम्मीदवार निष्क्रिय थे। केवल कुछ पूर्व नगरसेवक लगातार क्षेत्रीय समस्याओं और विकास कार्यों में सक्रिय रहे। मतदाताओं के बीच नए चेहरों की पहचान भी बनने लगी है। 

रणनीति और समीकरण पर ध्यान
उम्मीदवार अब पैनल तैयार करने, सहयोगियों और प्रतिद्वंदियों का चयन करने, मतों का समीकरण बनाने और प्रभागों में अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। टिकट किस पार्टी से लेना है, मुख्य प्रतिद्वंदी को हराने की योजना, यह सब अब उम्मीदवारों की गहन रणनीति का हिस्सा बन चुकी हैं। चुनाव में हर राजनीतिक दल, उम्मीदवार और कार्यकर्ता पूरी ताकत से मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। प्रशासक राज के तीन वर्षों के बाद चुनावी प्रक्रिया की स्पष्टता ने राजनीतिक गतिविधियों को नई गति दी है। अब सवाल केवल यह है कि कौन-सा दल और कौन-से उम्मीदवार जनता के समर्थन से विजयी होकर प्रभागों पर कब्ज़ा जमाएंगे।

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