- पत्रकार प्रणित तावाडे व रमेश निषाद पर जबरन वसूली का अपराध दर्ज

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पत्रकार प्रणित तावाडे व रमेश निषाद पर जबरन वसूली का अपराध दर्ज

■ संपादक प्रकाश हांडे के न्यूज-34 का रिपोर्टर निषाद गिरफ्तार

■ न्यूज नेशन व न्यूज 24 विदर्भ का रिपोर्टर तावाडे फरार

@चंद्रपुर

न्यूज पोर्टल न्यूज-34 के संचालक व संपादक प्रकाश हांडे के बल्लारपुर के रिपोर्टर रमेश निषाद और न्यूज नेशन व न्यूज 24 विदर्भ के रिपोर्टर प्रणित तावाडे के खिलाफ रविवार, 6 फरवरी की रात 1 बजे के दौरान बल्लारपुर पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया है। इन दोनों आरोपी पत्रकारों की ओर से बल्लारपुर रेलवे स्टेशन के फुड प्लाझा में काम करने वाले 35 वर्षीय फरियादी प्रमोद सिंह उदय सिंह राजावत से जबरन वसूली करने का आरोप है। इस प्रकरण ने पुलिस ने दोनों आरोपी पत्रकारों के खिलाफ भादंवि की धारा 384, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। इनमें से न्यूज-34 पोर्टल के रिपोर्टर रमेश निषाद को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि न्यूज नेशन का रिपोर्टर प्रणित तावाडे फरार है। फरार आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है।    

पत्रकारों की धमकी - ‘‘हमको हफ्ता दो, नहीं तो न्यूज चला दूंगा !’’

बल्लारपुर रेलवे स्टेशन के फुड प्लाझा में बतौर मैनेजर काम करने वाले प्रमोद सिंह राजावत ने थाने में शिकायत दी कि आरोपी पत्रकार रमेश निषाद व प्रणित तावाडे उनके स्टॉल पर आकर उनसे मिले। वहां इन पत्रकारों ने स्टॉल का वीडियो बनाया और धमकी दी कि हमारे तरफ भी देख लो, हमको भी हफ्ता दो, नहीं दिया तो मैं ये वीडियो ऑनलाइन डालूंगा। 

दिवाली की मीठाई कहकर 10 हजार ले गये पत्रकार

बल्लारपुर थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार फरियादी मैनेजर प्रमोद सिंह राजावत बताते है कि आरोपी पत्रकार ने दिवाली के दौरान आकर दीपावली की मीठाई के नाम पर 10 हजार रुपयों की मांग उनसे की। फरियादी ने 5 हजार रुपये देने की कोशिश की तो वे नहीं माने। 

आरोपी पत्रकारों के ऊपर कौनसा डिपार्टमेंट है ?

थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार फरियादी मैनेजर प्रमोद सिंह राजावत का कहना है कि उनसे राशि की डिमांड करने वाले आरोपी पत्रकारों ने उन्हें बताया कि वे 5 हजार रुपये नहीं लेंगे। उनके ऊपर भी कोई डिपार्टमेंट है। अब सवाल यह उठता है कि इन आरोपी रिपोर्टरों के ऊपर कौनसा डिपार्टमेंट काम कर रहा है ? क्या इन पत्रकारों के तार उनके वरिष्ठों तक जुड़े है ? क्या कोई रैकेट इसके पीछे काम कर रहा है ? कहीं यह रिपोर्टर अपने वरिष्ठों को इस काली कमाई की खेप तो नहीं पहुंचा रहे है ? ऐसे तमाम सवाल इस प्रकरण के माध्यम से पूछे जाने लगे है। अत: इन पत्रकारों के ब्लैकमेलिंग के कनेक्शन किन-किन से कहां तक जुड़े है, इसकी गहनता से पुलिस को जांच करने की आवश्यकता है। आरोपियों से इनके वसूली नीति के सरगनाओं को खोज निकालना अब बल्लारपुर पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई है। 

पत्रकारों को चाहिये हर माह 10 हजार की फिरौती

दर्ज एफआईआर में अनेक चौंकाने वाले तथ्य उजागर किये गये है। पत्रकारों के खिलाफ की शिकायत में फरियादी राजावत ने कहा है कि आरोपी पत्रकारों ने उन्हें बताया – इतना पैसा तो उनके पेट्रोल पर खर्च हो जाता है। पत्रकारों की ओर से लगातार धमकाने के बाद फरियादी ने तंग आकर उन्हें 10 हजार रुपये दे दिये। लेकिन आरोपी पत्रकारों की डिमांड थी कि उन्हें हर माह 10 हजार रुपये की फिरौती चाहिये। और जब फरियादी ने हर माह फिरौती देने से मना किया तो उनके खिलाफ न्यूज-24 विदर्भ में राजावत के स्टॉल के वीडियो व न्यूज प्रसारित किया जाने लगा। 


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