- ‘चंद्रपुर एक्सपोज़र’ का असर : मनपा आयुक्त को नोटिस, देना होगा जवाब - ‘कीलें चूभोकर क्यों टंगाया था किले पर प्लास्टिक बैनर ?’

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‘चंद्रपुर एक्सपोज़र’ का असर : मनपा आयुक्त को नोटिस, देना होगा जवाब - ‘कीलें चूभोकर क्यों टंगाया था किले पर प्लास्टिक बैनर ?’

न्यूज प्रसारित होने के बाद व नोटिस मिलने पर मनपा ने किले से हटाया बैनर

प्लास्टिक विरोधी जागृति के लिए किया था प्लास्टिक के ही बैनर का उपयोग

अवशेष अधिनियम का उल्लंघन करने पर 1 लाख जुर्माना व 2 साल की सजा केवल कागजों पर ही

@ चंद्रपुर
करीब 6 दिन पूर्व अर्थात 12 जुलाई 2022 को ‘चंद्रपुर एक्सपोज़र’ ने ‘चंद्रपुर किले में कीलें चूभो रही मनपा : प्लास्टिक विरोधी जागृति के लिए प्लास्टिक का ही बैनर टंगा दिया पुरातन किले पर !’ नामक शिर्षक तले न्यूज प्रसारित कर चंद्रपुर मनपा प्रशासन में खलबली मचा दी थी। इस दौरान स्थानीय पुरातत्व विभाग के भी संज्ञान में यह मामला लाया गया था। पुरातत्व विभाग को तस्वीरें एवं प्रमाण मिलने के बाद इस विभाग ने मनपा आयुक्त को नोटिस भेजकर तत्काल किले के जटपुरा गेट परिसर से बैनर हटाने के निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि चंद्रपुर का पुरातत्व विभाग ने स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए शिकायत मिलते ही तत्काल मुआयना, निरीक्षण व पंचनामा नहीं कर पाया। इसके चलते मनपा को बैनर हटाने का मौका मिल गया और पुरातत्व विभाग यहां मनपा प्रशासन के खिलाफ स्वयं सबूत जुटा नहीं पाया। जबकि उपलब्ध तस्वीरों व प्रमाणों के आधार पर पुरात्व विभाग ने मनपा आयुक्त को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में किले को कुरुप करने का उल्लेख करते हुए प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1958 के खंड 19 (1) तथा संशोधित अधिनियम 2010 के खंड 30 (अ) के अनुसार इस अपकृत्य के लिये 2 साल तक के कारावास या एक लाख रुपयों तक का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार से दंडित करने की चेतावनी दी है।

नागरिकों पर FIR और मनपा को नोटिस !

हैरत की बात है कि चंद्रपुर पुरातत्व विभाग के पास उपलब्ध तस्वीरों में किले के जटपुरा गेट पर मनपा का बैनर और कीलें ठोंकने का प्रमाण होने के बावजूद मनपा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की पहल नहीं की जा सकीं। जबकि इसी चंद्रपुर पुरातत्व विभाग ने गत 23 जून 2022 को विभिन्न धाराओं के तहत जटपुरा गेट परिसर निवासी आरोपी प्रदीप राजाभाऊ नालमवार नामक व्यक्ति के खिलाफ अपराध दर्ज करने में तत्परता दिखाई थी। लेकिन मनपा प्रशासन को केवल नोटिस थमाकर खानापूर्ति की है।

मनपा द्वारा बैनर लगाना अधिनियम का उल्लंघन

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के चंद्रपुर उपमंडल के संरक्षण सहायक की ओर से मनपा को 13 जुलाई 2022 को दिये गये पत्र में साफ तौर लिखा गया है कि किले पर बैनर लगाना पुरातत्व अवशेष को कुरुप करने के दायरे में आता है। इसलिये मनपा आयुक्त को सूचित करते हुए कहा गया है कि प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल तथा अवशेष अधिनियम 1958 के खंड 10 एवं 19 का यह स्पष्ट उल्लंघन है।

चंद्रपुर का किला यह राष्ट्रीय स्मारक

पुरातत्व विभाग के अनुसार चंद्रपुर का गोंडकालीन किला यह राष्ट्रीय स्मारकों की सूची में दर्ज है। अधिसूचना क्रमांक सी-72-ए-बी-358 के दिनांक 11 अप्रैल 1925 के अनुसार इसे राष्ट्रीय महत्व का संरक्षित स्मारक स्थल घोषित किया गया है। इसलिये इस किले के संरक्षित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का स्थायी अथवा अस्थायी निर्माण या उत्खनन करने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद चंद्रपुर मनपा प्रशासन ने किले की दीवार में बड़े-बड़े कीलें चूभोकर, वहां प्लास्टिक का बैनर टांग कर रखा था।

अब कील मुक्त किला अभियान चलाने की जरूरत

जिस तरह से 15 अगस्त 2021 से इको-प्रो नामक संगठन ने बंडू धोत्रे के नेतृत्व में माझी वसुंधरा अभियान के तहत कील मुक्त पेड़ की मुहिम चंद्रपुर मनपा आयुक्त राजेश मोहिते की उपस्थिति में चलाई थी, अब ठीक उसी तर्ज पर कील मुक्त किला अभियान भी चलाने की जरूरत है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो मनपा प्रशासन की तरह ही शहर का कोई भी संगठन, व्यक्ति अपने रसूख व धन-बल का प्रयोग कर चंद्रपुर के किले पर बैनर-होर्डिंग्स आदि टंगाने की जुर्रत करता रहेगा। कील मुक्त अभियान के संदर्भ में चंद्रपुर की जनता को भी जागृत करना होगा। तभी सही मायनों में हम अपने शहर के पुरातन धरोहरों की रक्षा और संरक्षण कर पाएंगे।

 

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