■ एक दर्जी से MIDC उद्योगपति बने राजेश को STP प्लांट के कामगारों ने पीटा
■ मल निस्सारन गटर के पीछे पड़ने पर आरोपियों ने किया हमला
■ चंद्रपुर श्रमिक पत्रकार संघ के करीबी माने जाने वाले बेले के पूरे परिवार को जान से मारने की दी गई धमकी
@ चंद्रपुर
जटपुरा गेट परिसर के
बाल गणेश मंडल के समक्ष एवं नगिनाबाग के सवारी बंगले के सामने गत 5 वर्ष पूर्व तक
टेलरिंग का काम करने वाले राजेश वारलू बेले ने अपनी एक विशेष काबिलीयत के बल पर एक
सफल उद्योगपति बने। उन्होंने चंद्रपुर MIDC में खुद का इंजीनियरिंग वर्कशॉप उद्योग
शुरू किया। इसके पूर्व वे पर्यावरण से संबंधित घोटाले उजागर करते रहे। उनकी इस विशेष
सफलता के बीच उन्होंने इगल इंफ्रा इंडिया लिमीटेड के ठेकेदार के खिलाफ आंदोलन शुरू
किया। गत 21 जुलाई की सुबह 10 बजे के दौरान राजेश इगल कंपनी के STP प्लांट पर चले
गये। यहां के प्रोजेक्ट मैनेजर, सुपरवाइजर व कामगार ने उन्हें अश्लील गालियां दी।
राजेश वारलू बेले के गाल पर जोरदार थपड़ जड़ दिया। राजेश घबरा गये और घटना स्थल से
निकल गये। इसके बाद राजेश ने रामनगर पुलिस थाने पहुंचकर हमलावर 3 आरोपियों के खिलाफ
विविध धाराओं के तहत अपराध दर्ज कराया।
एक विशेष काबिलीयत और पत्रकारों के सहयोग ने बनाया राजेश को उद्योगपति
जटपुरा गेट परिसर के बाल गणेश मंडल के समक्ष एवं नगिनाबाग के सवारी बंगले के सामने गत 5 वर्ष पूर्व तक टेलरिंग का काम करने वाले राजेश वारलू बेले वैसे तो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है। उन्हें अंग्रेजी और मराठी व्याकरण का कोई खास ज्ञान नहीं है। उनकी भाषा में अनेक त्रृटियां होने के बावजूद वे प्रशासन के अनेक विभागों में सूचना का अधिकार कानून का उपयोग कर सैंकड़ों आवेदन करते हैं। इसके बल पर वे उद्योगों के घोटाले एवं गड़बड़ियों की जानकारियां जुटाते हैं। कुछ उद्योगों के खिलाफ आंदोलन भी करते हैं। हालांकि यह अलग बात है कि उनके मल्टी ऑर्गनिक कंपनी के खिलाफ किये गये जटपुरा गेट परिसर के आंदोलन के बाद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पायी और राजेश खुद भी इस विषय पर दोबारा कोई आंदोलन नहीं कर सकें। हांलाकि यह भी सच है कि वरोरा नाका वाले चंद्रपुर श्रमिक पत्रकार संघ के अनेक पत्रकार उनके बेहद करीबी माने जाते हैं। उनके अधिकांश प्रोजेक्ट में अनेक पत्रकारों को उनके साथ देखा जा सकता हैं। जब भी कोई गड़बड़ी पकड़ी जाती हैं तो चंद पत्रकार उनके साथ घटना स्थलों पर देखे जा सकते हैं। बात चाहे जो भी हो, एक मामूली टेलर से उद्योगपति बने राजेश वारलू बेले ने एक विशेष काबिलीयत के बल पर सफलता का ऊंचा मकाम हासिल किया है। इसके लिये उन्हें संजीवनी पर्यावरण सामाजिक संस्था का भी सहारा लेना पड़ा।
क्या किया था राजेश वारलू बेले ने ?
जटपुरा गेट परिसर निवासी 41 वर्षीय राजेश वारलू बेले गत वर्षों में चंद्रपुर के MIDC में अपनी खुद की इंजीनियरिंग वर्कशॉप शुरू की। इस दौरान राजेश संजीवनी पर्यावरण सामाजिक संस्था नामक संगठन के संस्थापक के तौर पर काम भी कर रहे हैं। बीते 6 जून 2022 को राजेश ने इगल इंफ्रा इंडिया लिमीटेड के ठेकेदार के खिलाफ दाताला के म्हाडा कॉलनी के पास चल रहे मल निस्सारन गटर STP प्लांट के विरोध में आंदोलन किया। आंदोलन के दौरान जिलाधिकारी व तत्कालीन पालकमंत्री ने 13 जून 2022 को उच्च स्तरीय जांच कमेटी नियुक्त कर जांच कराने का भरोसा दिलाया। इसकी जांच रिपोर्ट आगामी दो-तीन दिनों में आने वाली है। इस बीच राजेश वारलू बेले 21 जुलाई की सुबह STP प्लांट पर पहुंच गये और वारदात घटित हुई।
कैसे जड़ा गया राजेश वारलू बेले को थप्पड़ ?
पुलिस को दी गई शिकायत में राजेश वारलू बेले ने बताया है कि उन्हें STP प्लांट की सुरक्षा दीवार ढहने की जानकारी मिली तो वे इस दृश्य को देखने के लिये घटना स्थल पर पहुंच गये। वहां इगल कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर हेमंत उचाले टिकास लेकर अपने सुपरवाइजर नंदलाल पाल जो कि सब्बल लेकर मौजूद थे, उनके साथी राजेंद्र बेलदार फावड़ा लेकर राजेश के पास पहुंचे। उचाले ने राजेश को आंदोलन संबंधित सवाल किया। राजेश को अश्लील गालियां दी गई। कंपनी के खिलाफ की शिकायत को वापस लेने के लिये धमकाया गया। इसके बाद उचाले ने जान से मारने की धमकी दी। पश्चात राजेश वारलू बेले के गाल पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया गया।
1 Comments
अन्याय के खिलाफ आवाज उठाओ🙏
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