■ करोड़ों का खेल, 50 हजार मीट्रिक टन कोयला परिवहन में विवाद
■ गुप्ता कोल वाशरी को बचाने चंद्रपुर की मीडिया ने दबा दी खबर
■ विदर्भ विशेष प्रतिनिधि के भाई पर हमला, फिर भी न्यूज नदारद
@चंद्रपुर
देश में हिंदू-मुस्लिम
द्वेष व नफरत का दौर शुरू हैं। लेकिन कोयले के धंधे में हिंदू-मुस्लिम, धर्म द्वेष
नहीं चलता। धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल बने घुग्घुस के 2 ट्रांसपोर्टरों की जमकर
पिटाई कर दी। इसके बावजूद चंद्रपुर की मीडिया ने खबर को दबाने का पाप किया है। और
तो और पीड़ित का एक भाई तो खुद को एक अखबार का विदर्भ विशेष प्रतिनिधि कहकर धौंस
जमाता हैं, लेकिन खुद के भाई पर हुए हमले व अन्याय के खिलाफ उनकी कलम ने दम तोड़
दिया। गुप्ता कोल वाशरीज के अनगिनत घोटाले पुन: चर्चा का विषय न बनने पाएं, इसलिये
चंद्रपुर की मीडिया ने खबरों से बेईमानी कर ली। 17 मई को वरोरा थाने में इस गंभीर
मारपीट की एफआईआर दर्ज होकर 3 दिन बीत गये, लेकिन मक्कार मीडिया ने वारदात की
न्यूज बनाना जायज नहीं समझा।
घुग्घुस के इंदिरा नगर
वार्ड नं.-4 निवासी 42 वर्षीय अखिलेश उर्फ पंडित औधेश मिश्रा एवं घुग्घुस नकोड़ा के
निवासी नसीम मुक्तार अहेमद सिद्दीकी पार्टनरशीप में ट्रांसपोर्टिंग का काम करते
हैं। इनके पास 35 ट्रक हैं। गत 12 मई को गुप्ता कोल वाशरी के 50 हजार मीट्रिक टन
कोयला परिवहन से संबंधित काम के लिये दोनों ट्रांसपोर्टर वरोरा के एकोना खान परिसर
पहुंचे। यहां वरोरा के दत्त मंदिर परिसर निवासी आरोपी बब्या उर्फ अमोल हिरामन
लोखंडे के विवाद हुआ। पश्चात अमोल व उसके 8 साथियों ने मिलकर पंडित मिश्रा और नसीम
सिद्दीकी की जमकर धुनाई कर दी। चाकू, रॉड, पाइप, फाइटर ने हमला कर लहूलुहान कर
दिया। 17 मई को पीड़ित फरियादी पंडित की शिकायत पर बलवा व जान से मारने की कोशिश
समेत अन्य गंभीर धाराओं के तहत अमोल व उसके 8 साथियों पर वरोरा पुलिस में अपराध
दर्ज कराया गया। इसके बावजूद वरोरा, घुग्घुस व चंद्रपुर की मीडिया ने वारदात की
खबर को जानबूझकर दबा दिया।
50 हजार टन कोयले से उपजा विवाद
अखिलेश उर्फ पंडित औधेश मिश्रा व नसीम मुक्तार अहेमद सिद्दीकी 12 मई को सुबह 8 बजे के दौरान गुप्ता कोल वाशरी से मिला 50 हजार टन कोयला आपूर्ति करने के ठेके को पूर्ण करने के लिये वरोरा के एकोना वेकोलि खदान परिसर में इनोवा क्रमांक-एमएच-23-ई-8501 से पहुंचे। यहां उनके ठेके के अंतिम दिन में 900 टन कोयला उठाना था। यह कोयला ट्रकों में भरकर एकोना खदान से यवतमाल-वणी के पिंपलगांव स्थित गुप्ता कोल वाशरी तक ले जाना था। एकोना खदान में पेलोडर मशीन से ट्रकों में कोयला भरा जा रहा था। इस दौरान पंडित अखिलेश मिश्रा व नसीम सिद्दीकी का अन्य ट्रांसपोर्ट के सुपरवाइजर बब्या उर्फ अमोल लोखंडे के साथ विवाद हुआ।
पहले हमारी ट्रकों में भरो कोयला
एकोना चेक पोस्ट पर आरोपियों ने की धुनाई
खदान के भीतर ट्रकों को लोड करने के लिये हुए विवाद के कुछ देर बाद अर्थात सुबह 11 बजे के दौरान अखिलेश उर्फ पंडित औधेश मिश्रा व नसीम मुक्तार अहेमद सिद्दीकी कुछ ही दूरी पर स्थित चेक पोस्ट परिसर में पार्क किये अपने इनोवा कार के पास पहुंचे। वहां अमोल लोखंडे, पंडित व नसीम का इंतजार कर रहा था। कुछ ही पलों में उसके 8 साथी 3 दुपहिया वाहनों पर सवार होकर घटना स्थल पर पहुंचे। इन आरोपियों के पास लोहे की पाइप, फाइटर, चाकू थे। अचानक आरोपियों ने हमला कर पंडित व नसीम की जमकर पिटाई करने लगे। अश्लिल गालीगलौज की। एक आरोपी ने चाकू से पंडित पर वार किया। वार से बचने के चक्कर में उनके हाथ को गंभीर चोंट लगी। लहूलुहान पंडित पर रॉड से हमला कर उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। खुद के बचाने के चक्कर में पंडित के सिर पर रॉड की चोंट लगी। इस समय पंडित के साथ नसीम सिद्दीकी पर भी आरोपियों ने पाइप व फाइटर से हमल कर उन्हें भी घायल कर दिया।
जान बचाकर भागे पंडित व सिद्दीकी
अमोल लोखंडे व उसके 8 साथियों द्वारा पंडित अखिलेश मिश्रा और नसीम सिद्दीकी पर हमला कर उन्हें गंभीर घायल करने के बाद वे अपनी जान बचाकर घटना स्थल से भाग गये। इस दौरान भागते समय आरोपियों ने इनोवा कार के कांच भी फोड़ दिये। हमले की वारदात के बाद पीड़ित एम्बुलेंस की सहायता से माडेली अस्पताल में पहुंचे। वहां से वे उपचार के लिये नागपुर रवाना हो गये। नागपुर में सीटी स्कैन व उपचार करने के बाद डॉक्टरों ने दवा देकर आराम करने की सलाह दी। इसके चलते फरियादी पंडीत ने 12 मई की वारदात की शिकायत वरोरा पुलिस थाने में 17 मई को दर्ज करवाई।
9 आरोपियों पर अनेक धाराओं में अपराध दर्ज
खबरें दबाने में माहिर हो गई चंद्रपुर की मीडिया
बलवा और हत्या का प्रयास जैसे संगीन अपराधों की एफआईआर दर्ज होने के बावजूद चंद्रपुर जिला मुख्यालय की मीडिया समेत वरोरा व घुग्घुस के पत्रकारों की ओर से इस खबर को दबाने का पूरजोर प्रयास किया गया। इसके पूर्व भी अनेक प्रकरणों में मीडिया ने खबरों को दबाकर बेइमानी का परिचय दिया है। गौरतलब है कि एक अखबार का खुद को विदर्भ विशेष प्रतिनिधि बताने वाले पत्रकार के भाई पर इस तरह से जानलेवा हमला हो जाता है, इसके बावजूद पत्रकारों की कलम गुलामी करने से बाज नहीं आ रही है। इस पूरे प्रकरण में गुप्ता कोल वाशरी का नाम उछलने व उनके काले कारनामे दोबारा उजागर न होने पाएं, इसके लिये जिले की मीडिया अपनी पूरी शक्ति के साथ खबरों में मक्कारी करने में जुट गई है।
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