- फर्जी दस्तावेजों से CSTPS में नौकरी के घोटाले में पहली FIR, 420 का अपराध दर्ज

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फर्जी दस्तावेजों से CSTPS में नौकरी के घोटाले में पहली FIR, 420 का अपराध दर्ज

दुर्गापुर पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच

शिकायतकर्ता बलीराज धोटे की शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध

हाल ही में विधायक धोटे व जोरगेवार ने भी उठाया था मामला

@चंद्रपुर
CSTPS अर्थात चंद्रपुर सुपर थर्मल पॉवर स्टेशन में नौकरी लगाने के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी किये जाने के मामले में पहली FIR दुर्गापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा चुकी हैं। ज्ञात हो कि गत सप्ताह ही राजुरा विधानसभा के कांग्रेस विधायक सुभाष धोटे और चंद्रपुर के निर्दलीय विधायक किशोर जोरगेवार ने CSTPS में नौकरी भर्ती को लेकर फर्जीवाड़ा होने की जानकारी विधानसभा के सदन को देते हुए तत्काल जांच व कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके अनेक दिनों पूर्व समाजसेवक बलीराज धोटे की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत पर आखिरकार पुलिस ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 420, 468, 471 व 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। दुर्गापुर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

बताया जाता है कि बहुजन नेता व समाजसेवक ने फरियादी के तौर पर पुलिस में दी शिकायत में बताया कि आरोपी व दुर्गापुर वेकोलि के क्वार्टर निवासी शिवम गणेश केदारपवार नामक व्यक्ति ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर चंद्रपुर महाऔष्णिक विद्युत केंद्र में नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा किया है। CSTPS के भूसंपादन जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किये। और नौकरी प्राप्त करने के लिये इसे CSTPS में पेश किये। जिन लोगों का CSTPS के भूसंपादन से कोई भी संबंध नहीं था, ऐसे लोगों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकार के साथ धोखाधड़ी करने की शिकायत है। इस पूरे मामले को लेकर बलीराज धोटे ने सूचना अधिकार कानून के तहत स्थानीय जिलाधिकारी कार्यालय के भुसंपादन व पुनर्वास विभाग के उपजिलाधिकारी कार्यालय से अनेक दस्तावेज जुटाये। इस दौरान भद्रावती तहसील के आवंडा गांव में घर क्रमांक 187 आराजी 25.65 चौ.मी. की संपत्ति के मामले में असली मालिक विश्वानाथ भगवान देवतले होने की बात पता चली। लेकिन आरोपी शिवम गणेश केदारपवार ने दस्तावेजों में गड़बड़ी कर फर्जी कागजात तैयार किये। इसके बाद उन्होंने CSTPS में फर्जी दस्तावेज पेश कर सरकार के साथ धोखाधड़ी की। इस पूरे प्रकरण को लेकर माहौल गरमा गया है।

विधायकों की ओर से विधानसभा में उठाये गये मामले को लेकर यदि पुलिस गहनता से जांच करती है तो अनेक ऐसे फर्जी मामले भी उजागर हो सकते हैं।

चर्चा है कि CSTPS में नौकरी दिलाने के नाम पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की ओर से भी गड़बड़ी करने और नौकरी देने के नाम पर उम्मीदवारों से धनराशि वसूलने की नीति अपनाई गई है। इस प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की जाती है तो राजनीतिक हस्तक्षेप और मिलीभगत के राज भी उजागर हो सकते हैं।




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